Uljhan Dil Ki Kya Suljhe [Original]
Kaifi Azmi
उलझन दिल की क्या सुलझे
जब कहाँ न जाए राज़ दिल का
कहा न जाए राज़
उलझन दिल की क्या सुलझे
जब कहाँ न जाए राज़ दिल का
कहा न जाए राज़
कुछ कहना चाहे कह न सके
चुप रहना चाहे रह न सके
आके ज़ुबा पर काँप रही है
यह कैसी आवाज़ दिल की
यह कैसी आवाज़
चुप रहने से जी घबराये
कहने से दिल पर बन जाए
किसको ग़म और काम उठाये
किसको ग़म और काम उठाये
यह कैसा अंदाज़ हाय
यह कैसा अंदाज़
उलझन दिल की क्या सुलझे
जब कहाँ न जाए राज़ दिल का
कहा न जाए राज़ राज़ दिल का राज़