Udta Panchi
IP SINGH, JIVITESH KHARBANDA
उड़ता पंछी जाने ना
जाना कहाँ वो, जाने ना
आसमान के ये तारे
राह मेरी जला रहे हैं (जला रहे हैं)
सतरंगी बाज़ारो में
सपनो के गुब्बारे हैं
भीड़ में चेहरे सारे (उ उ उ)
हौंसले ढूँढे बेचारे हैं (उ उ उ)
मेरा घर बादलों में
मैं चला रे मैं चला रे
उड़ता पंछी जाने ना
जाना कहाँ जाने ना
ना जाने, ना जाने ना
आसमान के ये तारे (तारे तारे)
राह मेरी जला रहे है (रहे है रहे है)
सतरंगी बाज़ारो में (बाज़ारो में बाज़ारो में)
सपनो के गुब्बारे है है है
उड़ता पंछी जाने ना
जाना कहाँ वो जाने ना
उड़ता जा तू, उड़ता जा तू
उड़ता जा तू, उड़ता जा रे
उड़ता जा तू, उड़ता जा तू
उड़ता जा तू, उड़ता जा रे
उड़ता जा तू, उड़ता जा तू
उड़ता जा तू, उड़ता जा रे
उड़ता जा तू, उड़ता जा तू
उड़ता जा तू, उड़ता जा रे
ता ना ना ना ना ना ना ना