Marjaana
मज़हब सारे लड़ लड़ हारे
फिर भी कोई भेद ना जाना
बावली दुनिया खोज तू उसको
बावली दुनिया खोज तू उसको
कहा है बैठा वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
अब चिल्लाते चीखे जाते
हर कोई चाहे उसे बुलाए उसे बुलाए उसे बुलाए
मंदिर मशजीद शोर मचाते
पर वो पहरा सून ना पाए सून ना पाए सून ना पाए
हो छ्होटी आँखे भूख से तापे
लाखो बेबस दर्द में खोए
बीना रोकर चढ़ता सोना
चकई अल्लाह चैन से सोए
फिर भी जाने को ना माने
समजे खुद को बड़ा सयाना
कहा है बैठा वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
आँखे नीचे सारे पेच्चे
मोममीं का बका फिर काशी
उसे पुकारे दर के नीचे
वो ना सूनता बात जरसी
जूते दावे झूते सपने
जानम किताबे सब ने खोली
कघाज च्चनते हिंसा बनते
उससे ख़ाता है उसकी टोली
पर वो पत्थर से भी बत्तर
कहा समजेगा वो दीवाना
कहा है बैठा वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना
वो मर्जाना