Kabhi Kabhi Mere Dil Mein
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये
के जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिये
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तू अबसे पहले सितारों में बस रही थी कहीं
तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये
तुझे ज़मीं पे बुलाया गया है मेरे लिये
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कैसा लगा
बहुत अच्छा
अर्ज़ किया है ये जुल्फ अगर खुल के बिखर जाए तो अच्छा है
इस रात की तक़दीर सवर जाए तो अच्छा है
जिस तरह से थोड़ी सी तेरे साथ कटी है
बाकी भी उसी तरह गुजर जाए तो अच्छा है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
के जैसे बजती हैं शहनाइयां सी राहों में
के जैसे बजती हैं शहनाइयां सी राहों में
सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सुहाग रात है घूँघट उठा रहा हूँ मैं
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में
सिमट रही है तू शरमा के अपनी बाहों में
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है
कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है