Majbooriyaan
उस मोड़ पे तुम जो मुझे
यूँ छोड़ गये ग़लती थी क्या
छोड़ा था क्यूँ हाथों से यूँ
वो हाथ मेरा ये तो बता
क्यूँ समझा नही, क्यूँ जाना नही
क्यूँ पूछा नही थी क्या आ आ
मेरी मजबूरियाँ
मेरी मजबूरियाँ
ऊ मेरी मजबूरियाँ (मजबूरियाँ)
मेरी मजबूरियाँ (मेरी मजबूरियाँ)
थी मुश्किलें गर दरमियाँ
मुझसे तो होता कहा
क्यूँ प्यार को दे दी सज़ा
थी चाहे जो भी वजह
हां मेरी वफ़ा तो होती खफा
पर करते बयाँ एक दफ़ा आ आ
तेरी मजबूरियाँ
तेरी मजबूरियाँ ह्म ह्म
तेरी मजबूरियाँ आ आ
तेरी मजबूरियाँ हा आ आ
आ आ ह्म ऊ ऊ
ले ती हे जो यूँ ज़िन्दगी कुछ इस तरह से इन्तेहाँ
देती नही मौका कभी कुछ केहनेका यह हाँ या ना
फिर कहना ही क्या चुप रहना ही क्या
जब आ ही गयी दरमियान आ आ
मेरी मजबूरियाँ मेरी मजबूरियाँ आ आ
मेरी मजबूरियाँ (मजबूरियाँ) मेरी मजबूरियाँ (मजबूरियाँ)
मेरी मजबूरियाँ मेरी मजबूरियाँ(ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ)
मेरी मजबूरियाँ मेरी मजबूरियाँ(ओ ओ ओ ओ ओ ओ ओ)