Bande Hai Shankar Ke
ओम ओम
शांति ही
शांति ही
बंदे है शंकर के
सच राह चलते है
काशी मैं पलते हैं
गन्स ओफ बनारस हैं
बंदे है शंकर के
सच राह चलते है
काशी मैं पलते हैं
गन्स ओफ बनारस हैं
नमो वः पितरो रासाय
नमो वः पितरः शोषाय
नमो वः पितरो जीवाय
नमो वः पितरः स्वधायै
हो हम तो हैं सीधे साधे
हम तो हैं भोले भाले
हमको नहीं किसी से बैर(हो)
पर बेवजह जो कोई
हमसे टकराये आके
उसकी नहीं हैं फिर तो खैर
एक आग सी
है कही दबी
कोइ छेड़े तो शोला बने
ओ बंदे है शंकर के
सच राह चलते है
काशी मैं पलते हैं
गन्स ओफ बनारस हैं
बंदे है शंकर के
सच राह चलते है
काशी मैं पलते हैं
गन्स ओफ बनारस हैं
बंदे है शंकर के
सच राह चलते है
काशी मैं पलते हैं
गण्स ओफ बनारस हैं