Keh Raha Mera Dil
ADITYA DHAR, RAGHAV SACHAR
खोई खोई ज़िंदगानी
खोई साँसों के रवांई
तन्हाई के दरमिया
जाने कहाँ खोया इन्सान
यह मेरी मंज़िल का
खोया मुकाम
है मेरी राह का
खोया पयाम
कह रहा मेरा दिल जो
दर्द में चुप गए वह जाने कहाँ
ढूँढ़ता में फिर रहा
यह खोया जहाँ
कह रहा मेरा दिल जो
दर्द में चुप गए वह जाने कहाँ
ढूँढ़ता में फिर रहा
यह खोया जहाँ है कहाँ
रंजिशों की कहानी
खोये किस्सों की ज़ुबानी
कोई अधूरी दास्ताँ जाने कहाँ
खोया इंसान
सा हा हा यह मेरी ज़िन्दगी का खोया निशाआं
यह मेरी बंदगी का खोया अरमान
कह रहा मेरा दिल जो
दर्द में चुप गए वह जाने कहाँ
ढूँढ़ता में फिर रहा
यह खोया जहाँ
कह रहा मेरा दिल जो
दर्द में चुप गए वह जाने कहाँ
ढूँढ़ता में फिर रहा
यह खोया जहाँ
है कहाँ