Bezubaan

Manoj Yadav

किस लम्हें ने थामी ऊँगली मेरी
फुसला के मुझको ले चला
नंगे पाओं दौड़ी आँखें मेरी
ख्वाबों की सारी बस्तियां
हर दूरियां हर फासले क़रीब हैं
इस उम्र की भी शख्सियत अजीब है
हम्म झीनी झीनी इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजे हैं आज आसमां
कैसे हम बेज़ुबां
इस जीने मे कहीं हम भी थे
थे ज़्यादा या ज़रा कम ही थे
रुकके भी चल पड़े मगर
रस्ते सब बेज़ुबान

जीने की ये कैसी आदत लगी
बेमतलब कर्ज़े चढ़ गए
हादसों से बच के जाते कहाँ
सब रोते हँसते सह गए
अब ग़लतियां जो मान ली तो ठीक है
कमज़ोरियों को मात दी तो ठीक है

झिली झिली इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजे है आज आसमां
कैसे हम बेज़ुबान
इस जीने मे कहीं हम भी थे
थे ज़्यादा या ज़रा कम ही थे
रुकके भी चल पड़े मगर
रस्ते सब बेज़ुबान
बेज़ुबान हम बन गये बेज़ुबान

झिली झिली इन साँसों से
पहचानी सी आवाज़ों में
गूंजे हैं आज आसमां
कैसे हम बेज़ुबां
इस जीने मे कहीं हम भी थे
थे ज़्यादा या ज़रा कम ही थे
रुकके भी चल पड़े मगर
रस्ते सब बेज़ुबान

Músicas mais populares de अनुपम रॉय

Outros artistas de Asiatic music