Do Deewane Shaher Mein

Gulzar, Jaidev

हआ दीवाना
एक दीवाना शहर में
एक दीवाना नहीं एक दीवानी भी
हम्म हम्म
दो दीवाने शहर में

दो दीवाने शहर में(दो दीवाने शहर में)
रात में और दोपहर में(रात में और दोपहर में)
आब-ओ-दाना
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं
इक आशियाना ढूँढते हैं
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं
इक आशियाना ढूँढते हैं
दो दीवाने शहर में(दो दीवाने शहर में)
रात में और दोपहर में(रात में और दोपहर में)
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं(आब-ओ-दाना ढूँढते हैं)
इक आशियाना ढूँढते हैं(इक आशियाना ढूँढते हैं)
दो दीवाने(दो दीवाने)

इन भूल-भुलइया गलियों में, अपना भी कोई घर होगा
अम्बर पे खुलेगी खिड़की या, खिड़की पे खुला अम्बर होगा
इन भूल-भुलइया गलियों में, अपना भी कोई घर होगा
अम्बर पे खुलेगी खिड़की या, खिड़की पे खुला अम्बर होगा
असमानी रंग की आँखों में
असमानी या आसमानी
असमानी रंग की आँखों में
बसने का बहाना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं
इक आशियाना ढूँढते हैं
दो दीवाने शहर में(दो दीवाने शहर में)
रात में और दोपहर में(रात में और दोपहर में)
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं(आब-ओ-दाना ढूँढते हैं)
इक आशियाना ढूँढते हैं(इक आशियाना ढूँढते हैं)
दो दीवाने(दो दीवाने)

आ आ आ आ ओ ओ ओ ओ

जब तारे ज़मीं पर
तारे, और ज़मीं पर
Of course
जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
ह्म ह्म ह्म ह्म
आकाश ज़मीं हो जाता है
आ आ आ आ
उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
जब तारे ज़मीं पर चलते हैं
आकाश ज़मीं हो जाता है
उस रात नहीं फिर घर जाता, वो चांद यहीं सो जाता है
पल भर के लिये
पल भर के लिये
पल भर के लिये इन आँखों में हम एक ज़माना ढूंढते हैं, ढूंढते हैं
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं
इक आशियाना ढूँढते हैं
दो दीवाने शहर में(दो दीवाने शहर में)
रात में और दोपहर में(रात में और दोपहर में)
आब-ओ-दाना ढूँढते हैं(आब-ओ-दाना ढूँढते हैं)
इक आशियाना ढूँढते हैं(इक आशियाना ढूँढते हैं)
दो दीवाने
दो दीवाने
दो दीवाने
हा दो दीवाने
दो दीवाने
हो दो दीवाने

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