Hamari Baat Ka Kyon
हमारी बात का क्यो तुमको ऐतबार नही
हमारी बात का
हमारी बात का क्यो तुमको ऐतबार नही
ये क्यू समझ लिया
हा ये क्यू समझ लिया
तुमने की तुमसे प्यार नही
हमारी बात का क्यो तुमको ऐतबार नही
हमारी बात का
तुम्हारे इश्क मे हा तुम्हारे इश्क मे
दिन रात आहे भरती हू
हर एक सुबह को रो रो के शाम करती हू
हर एक सुबह को रो रो के शाम करती हू
समझ लो बस की ना जीती हू ना मरती हू
तुम खुदी देख लो अगर मुझ पे ऐतबार नही
तुम खुदी देख लो अगर मुझ पे ऐतबार नही
ये क्यू समझ लिया
तुमने की तुमसे प्यार नही
ये क्यू समझ लिया
मेरे सरकार हटो जी क्यू हमें अच्छा नहीं लगता
तो मर जाए तो मर ही जाओ
मरे तो कैसे मरे ये तो आके बतला दो
अफ़ीम कड़वी है तोड़ा सा संखिया ला दो
नही तो फिर कोई बंदूक हमको दिलवा दो क्यू
हमारे पास छुरी है पर उस मे धार नही
हमारे पास छुरी है पर उस मे धार नही
हमारी बात का क्यो तुमको ऐतबार नही
हमारी बात का