Hazaaron Hai Roop

Kabeer Shukla

हज़ारों है रूप
हज़ारों है नाम
समस्त लोक जिन्हे पुजते है हाँ
हज़ारों है रूप
हज़ारों है नाम
समस्त लोक जिन्हे पुजते है हाँ
ओ मृगछाला
ओ भस्मधारी
जिनके श्रृंगार में
गंगा चाँद
हज़ारों है रूप
हज़ारों है नाम

दशा हो जैसी
काल हो जैसा
मेरा महाकाल
सबकी सुन लेता
दशा हो जैसी
काल हो जैसा
मेरा महाकाल
सबकी सुन लेता
त्रिनेत्र में जिनके
संसार बसता
देख के बैठे हैं
इतिहास वो का
भव सागर से
दे पार लगा
जग के मूल
आधार शिव
ओ मृगछाला
ओ भस्मधारी
जिनके श्रृंगार में
गंगा चाँद
हज़ारों है रूप
हज़ारों है नाम

देखा जब संकट में सबको
आए बनकर शक्ति तब वो
हर लिया हर कष्ट हर ने
नष्ट करके पापी जगत को
त्रिशूल धारी सत्य मंगल
वो विनाशी वोही मंगल
शिव ने बनाया सब कुछ
शिव समाए सब के अंदर
ओ मृगछाला
ओ भस्मधारी
जिनके श्रृंगार में
गंगा चाँद
हज़ारों है रूप
हज़ारों है नाम

बिस्वनाथ मम नाथ पुरारी
त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी
अंत भी तुम हो तुम ही अनादि
अनंत अंश तुम्हारे त्रिपुरारी
किरण सुहानी हर शाम सुहानी
जिस्को हो जाए दर्श रूहानी
जो हो जाए शिव के दीवाने
उसकी हो जाए दुनिया दीवानी
उसकी हो जाए दुनिया दीवानी
उसकी हो जाए दुनिया दीवानी

Curiosidades sobre a música Hazaaron Hai Roop de हंसराज रघुवंशी

Quando a música “Hazaaron Hai Roop” foi lançada por हंसराज रघुवंशी?
A música Hazaaron Hai Roop foi lançada em 2022, no álbum “Hazaaron Hai Roop”.
De quem é a composição da música “Hazaaron Hai Roop” de हंसराज रघुवंशी?
A música “Hazaaron Hai Roop” de हंसराज रघुवंशी foi composta por Kabeer Shukla.

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