Lalayit Adharon Se Jisne
JAIDEV, HARIVANSH RAI BACHCHAN
लालायित अधरों से जिसने, हाय, नहीं चूमी हाला
हर्ष-विकंपित कर से जिसने, हा, न छुआ मधु का प्याला
हाथ पकड़ लज्जित साकी का
हाथ पकड़ लज्जित साकी का पास नहीं जिसने खींचा
पास नहीं जिसने खींचा
व्यर्थ सूखा डाली जीवन की उसने मधुमय मधुशाला
व्यर्थ सुखा डाली जीवन की उसने मधुमय मधुशाला